एनएल चर्चा 38: भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर रावण की रिहाई

NL Hafta - En podkast av Newslaundry.com - Lørdager

सहारनपुर जिले के छुटमलपुर गांव में जश्न का माहौल है. हजारों की संख्या में दलित युवा, दलित कार्यकर्ता और सरकारी कर्मचारी संघों का जत्था का जत्था गांव की चौपाल में आता जा रहा है. चौपाल के ठीक सामने वाला घर इस पूरे आकर्षण के ‘नायक’ का निवास स्थान है. भीम सेना के संस्थापक और चंद्रशेखर रावण के नाम से मशहूर दलित नेता जमानत पर रिहा हो गए हैं. बीते 16 महीनों ने उन्हें अपने राजनैतिक और सामाजिक लक्ष्यों को हासिल करने की दिशा में और ज्यादा दृढ़ संकल्पित कर दिया है. रावण का दावा है कि वो भाजपा को सत्ता से उखाड़ फेकेंगे. वे अब दलित समुदाय को एक नया स्वप्न दिखा रहे हैं. यह नया स्वप्न है केंद्र की सत्ता पर दलितों का कब्जा.“मेरे ऊपर भरोसा रखिए,” चौपाल में मौजूद भीड़ से मुखातिब होते हुए रावण कहते हैं. “मैं कभी भी गैरजरूरी, अधारहीन बयानबाजी नहीं करता. अगले एक से डेढ़ साल में मैं पूरे देश में संघ के बराबर या उससे भी बड़ा संगठन खड़ा करूंगा. यह देश उन्हीं आदर्शों पर आगे बढ़ेगा जिन पर बढ़ना चाहिए.” आगे की रणनीति बनाने के लिए रावण दिन-रात अपने समर्थकों से मुलाकात में व्यस्त हैं. Hosted on Acast. See acast.com/privacy for more information.

Visit the podcast's native language site